Class 7 NCERT Sanskrit Ruchira Part 2 Chapter 13 Amritam Sanskritam

CLASS – 7 SANSKRIT RUCHIRA PART – 2 CHAPTER – 13 AMRITAM SANSKRITAM | HINDI TRANSLATION | QUESTION ANSWER | कक्षा – 7 संस्कृत रुचिरा भाग – 2 त्रयोदश: पाठ: अमृतं संस्कृतम् | हिन्दी अनुवाद | अभ्यास:

Class 7 NCERT Sanskrit Ruchira Part 2 Chapter 13 Amritam Sanskritam

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त्रयोदशः पाठः

अमृतं संस्कृतम्

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Class 7 NCERT Sanskrit Ruchira Part 2 Chapter 13 Amritam Sanskritam

( हिन्दी अनुवाद )

(क) विश्वस्य उपलब्धासु भाषासु संस्कृतभाषा प्राचीनतमा भाषास्ति। भाषेयं अनेकाषां भाषाणां जननी मता। प्राचीनयोः ज्ञानविज्ञानयोः निधिः अस्यां सुरक्षितः। संस्कृतस्य महत्त्वविषये केनापि कथितम्- ‘भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा’।

हिन्दी अनुवाद – संसार की सभी उपलब्ध भाषाओं में संस्कृत भाषा सबसे अधिक प्राचीन है। यह भाषा अनेक भाषाओं की माता मानी गई है। प्राचीन ज्ञान विज्ञान का खज़ाना इसमें सुरक्षित है। संस्कृत के महत्त्व के विषय में किसी के द्वारा कहा गया है – भारत की दो प्रतिष्ठाएँ हैं – संस्कृत और ( देश की ) संस्कृति।

(ख) इयं भाषां अतीव वैज्ञानिकी। केचन कथयन्ति यत् संस्कृतमेव सङ्गणकस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा। अस्याः वाङ्मयं वेदैः, पुराणैः, नीतिशास्त्रैः चिकित्साशास्त्रादिभिश्च समृद्धमस्ति। कालिदासादीनां विश्वकवीनां काव्यसौन्दर्यम् अनुपमम्। कौटिल्यरचितम् अर्थशास्त्रं जगति प्रसिद्धमस्ति। गणितशास्त्रे शून्यस्य प्रतिपादनं सर्वप्रथमम् आर्यभट: अकरोत्। चिकित्साशास्त्रे चरकसुश्रुतयो: योगदानं विश्वप्रसिद्धम्। संस्कृते यानि अन्यानि शास्त्राणि विद्यन्ते तेषु वास्तुशास्त्रं, रसायनशास्त्रं, खगोलविज्ञानं, ज्योतिषशास्त्रं, विमानशास्त्रम् इत्यादीनि उल्लेखनीयानि।

हिन्दी अनुवाद – यह भाषा बहुत वैज्ञानिकी है। कुछ लोग कहते हैं कि संस्कृत ही कम्प्यूटर के लिए सर्वश्रेष्ठ ( सर्वोत्तम ) भाषा है। इसका साहित्य वेदों से, पुराणों से, नीतिशास्त्रों से और चिकित्साशास्त्र आदि  से समृद्ध ( परिपूर्ण ) है। कालिदास आदि विश्वकवियों का काव्य-सौन्दर्य अतुलनीय है। चाणक्य ( कौटिल्य ) द्वारा रचित अर्थशास्त्र संसार में प्रसिद्ध है। गणितशास्त्र में शून्य का प्रयोग सबसे पहले आर्यभट्ट ने किया था। चिकित्साशास्त्र में चरक और सुश्रुत का योगदान विश्व मे प्रसिद्ध है। संस्कृत में जो दूसरे शास्त्र हैं, उनमें वास्तुशास्त्र, रसायनशास्त्र, अन्तरिक्ष विज्ञान, ज्योतिषशास्त्र और विमानशास्त्र इत्यादि उल्लेखनीय हैं।

(ग) संस्कृते विद्यमानाः सूक्तयः अभ्युदयाय प्रेरयन्ति। यथा-सत्यमेव जयते, वसुधैव कुटुम्बकम्, विद्ययाऽमृतमश्नुते, योगः कर्मसु कौशलम् इत्यादयः। सर्वभूतेषु आत्मवत् व्यवहारं कर्तुं संस्कृतभाषा सम्यक् शिक्षयति।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत ( साहित्य ) में विद्यमान सूक्तियाँ आगे बढने  की प्रेरणा देती हैं। जैसे- ‘सत्य की ही सदा विजय होती है’ ‘सारी पृथ्वी ही एक परिवार है’, ‘विद्या द्वारा अमरत्व की प्राप्ति होती है ( अर्थात् विद्या द्वारा मनुष्य अमर हो जाता है )’ ‘कर्मों में कुशल ( निपुण ) योग है’, इत्यादि। सब के प्रति अपने जैसा व्यवहार करने के लिए संस्कृत भाषा अच्छी तरह से शिक्षा देती है।

(घ) केचन कथयन्ति यत् संस्कृतभाषायां केवलं धार्मिकं साहित्यम् वर्तते-एषा धारणा समीचीना नास्ति।संस्कृतग्रन्थेषु मानवजीवनाय विविधाः विषयाः समाविष्टाः सन्ति। महापुरुषाणां मतिः, उत्तमजनानां धृतिः सामान्यजनानां जीवनपद्धतिः च वर्णिताः सन्ति। अतः अस्माभिः संस्कृतम् अवश्यमेव पठनीयम्। तेन मनुष्यस्य समाजस्य च परिष्कारः भवेत्।

उक्तञ्च –

अमृतं संस्कृतं मित्र!

सरसं सरलं वचः।

भाषासु महनीयं यद्

ज्ञानविज्ञानपोषकम्॥

हिन्दी अनुवाद – कुछ लोग कहते हैं कि संस्कृत भाषा में केवल धार्मिक साहित्य है-यह सोच ( धारणा ) उचित नहीं है। संस्कृत ग्रन्थों में मानव जीवन के लिए विभिन्न विषयों का समावेश है। महापुरुषों की बुद्धि, उत्तम ( सज्जनों ) का धैर्य और सामान्य मनुष्यों की जीवन प्रणाली ( पद्धति ) का वर्णन  है। इसलिए हमे संस्कृत अवश्य ही पढ़नी चाहिए । जिससे मानव की और समाज की शुद्धि हो। और कहा गया है –

मित्र ! संस्कृत अमृत है। सरस और सरल वाणी है। भाषाओं में जो सम्मान के योग्य है और ज्ञान एवं विज्ञान की पोषक ( पोषण करने वाली ) है।

शब्दार्था:

भाषेयम् ( भाषा + इयम् ) – यह भाषा

मता – मानी गई हैं

निधिः – खजाना

विचार्य – विचार कर

वाङ्मयम् – साहित्य

अनुपमम् – अतुलनीय

जगति – संसार में

रसायनशास्त्रम् – रसायनशास्त्र

खगोलविज्ञानम् – अन्तरिक्षविज्ञान

धृतिः – धैर्य

पोषकम् – समर्थक

अभ्यास:

Class 7 NCERT Sanskrit Ruchira Part 2 Chapter 13 Amritam Sanskritam

1. उच्चारणं कुरुत

उपलब्धासु – सङ्गणकस्य

चिकित्साशास्त्रम् – वैशिष्ट्यम्

भूगोलशास्त्रम् – वाङ्मये

विद्यमानाः – अर्थशास्त्रम्

2. प्रश्नानाम् एकपदेन उत्तराणि लिखत

(क) का भाषा प्राचीनतमा ?

उत्तर. संस्कृत।

(ख) शून्यस्य प्रतिपादनं कः अकरोत् ?

उत्तर. आर्यभटः।

(ग) कौटिल्येन  रचितं शास्त्रं किम् ?

उत्तर. अर्थशास्त्रम्।

(घ) कस्याः भाषायाः काव्यसौन्दर्यम् अनुपमम् ?

उत्तर. संस्कृतस्य।

(ङ) काः अभ्युदयाय प्रेरयन्ति ?

उत्तर. सूक्तयः।

3. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकवाक्येन लिखत

(क) संङ्गणकस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा का ?

उत्तर. संङ्गणकस्य कृते संस्कृता सर्वोत्तमा भाषा अस्ति।

(ख) संस्कृतस्य वाङ्मयं कैः समृद्धमस्ति ?

उत्तर. संस्कृतस्य वाङ्मयं वेदैः, पुराणैः, नीतिशास्त्रैः चिकित्साशास्त्रादिभिः च समृद्धम् अस्ति।

(ग) संस्कृतं किं शिक्षयति ?

उत्तर. सर्वभूतेषु आत्मवत् व्यवहारं कर्तुं संस्कृतं सम्यक् शिक्षयति।

(घ) अस्माभिः संस्कृतं किमर्थं पठनीयम् ?

उत्तर. अस्माभिः संस्कृतम् एतदर्थं पठनीयं येन मनुष्यस्य समाजस्य च परिष्कारः भवेत्।

4. इकारान्त-स्त्रीलिङ्गशब्दरूपम् अधिकृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत

उत्तर.

गति ( प्रथमा )गति:गतीगतय:
मति ( प्रथमा )मति:मतीमतय:
बुद्धि ( द्वितीया )बुद्धिम्बुद्धीबुद्धीः
प्रीति ( द्वितीया )प्रीतिम्प्रीतीप्रीती:
नीति ( तृतीया )नीत्यानीतिभ्याम्नीतिभिः
शान्ति ( तृतीया )शान्त्याशान्तिभ्याम्शान्तिभिः
मति ( चतुर्थी )मत्यै/ मतयेमतिभ्याम्मतिभ्यः
प्रकृति ( चतुर्थी )प्रकृत्यै/ प्रकृतयेप्रकृतिभ्याम्प्रकृतिभ्यः
कीर्ति ( पञ्चमी )कीर्त्याः/कीर्तेःकीर्तिभ्याम्कीर्तिभ्यः
गीति ( पञ्चमी )गीत्याः/ गीतेःगीतिभ्याम्गीतिभ्यः
सूक्ति ( षष्ठी )सूक्तेः/ सूक्त्याःसूक्तयोःसूक्तीनाम्
कृति ( षष्ठी )कृतेः/ कृत्याःकृत्योःकृतीनाम्
धृति ( सप्तमी )धृतौ/धृत्याम्धृत्योःधृतिषु
भीति ( सप्तमी )भीतौ / भीत्याम्भीत्योःभीतिषु
मति ( सम्बोधन )हे मते !हे मती !हे मतयः!

5. रेखाङ्कितानि पदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुतः

(क) संस्कृते ज्ञानविज्ञानयोः निधिः सुसुरक्षितोऽस्ति ।

प्रश्न. संस्कृते ज्ञानविज्ञानयोः कः सुरक्षितोऽस्ति ?

(ख) संस्कृतमेव सङ्गणकस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा।

प्रश्न. संस्कृतमेव कस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा ?

(ग) शल्यक्रियायाः वर्णनं संस्कृतसाहित्ये अस्ति।

प्रश्न. शल्यक्रियायाः वर्णनं कस्मिन् अस्ति ?

(घ) वरिष्ठान् प्रति अस्माभिः प्रियं व्यवहर्तव्यम्।

प्रश्न. कान् प्रति अस्माभिः प्रियं व्यवहर्तव्यम् ?

6. उदाहरणानुसारं पदानां विभक्तिं वचनञ्च लिखत

पदानिविभक्तिःवचनम्
यथा – संस्कृतेःषष्ठीएकवचनम्
गतिःप्रथमाएकवचनम्
नीतिम्द्वितीयाएकवचनम्
सूक्तयःप्रथमाबहुवचनम्
शान्त्यातृतीयाएकवचनम्
प्रीत्यैचतुर्थीएकवचनम्
मतिषुसप्तमीबहुवचनम्

7. यथायोग्यं संयोज्य लिखत

कौटिल्येनअर्थशास्त्रं रचितम्।
चिकित्साशास्त्रेचरकसुश्रुतयोः योगदानम्
शून्यस्य आविष्कर्ताआर्यभटः
संस्कृतम्ज्ञानविज्ञानपोषकम्।
सूक्तयःअभ्युदयाय प्रेरयन्ति।

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